एक पत्थर तो हवा में उछाल कर देखो ,
कहर बन कर दुश्मन पर बरस कर देखो ,
हो नाम शहीदों में तुम्हारा भी कहीं ,
अपने सिर पर कफ़न बाँध कर देखो।
वतन के वास्ते जीने का फन सीख लो ,
कुर्बानी का जज्वये हुनर तो सीख लो ,
दे देंगे जां , तिरंगा न झुकने देंगे ,
कलम को तलवार बनाना तो सीख लो।
आज़ादी के शोलों को जला कर रखो ,
दुश्मन से गुलिश्तां को बचा कर रखो ,
कोई नापाक निगाहें न वतन पर उठे ,
आँखों में चिंगारी सजा कर रखो।
कहर बन कर दुश्मन पर बरस कर देखो ,
हो नाम शहीदों में तुम्हारा भी कहीं ,
अपने सिर पर कफ़न बाँध कर देखो।
वतन के वास्ते जीने का फन सीख लो ,
कुर्बानी का जज्वये हुनर तो सीख लो ,
दे देंगे जां , तिरंगा न झुकने देंगे ,
कलम को तलवार बनाना तो सीख लो।
आज़ादी के शोलों को जला कर रखो ,
दुश्मन से गुलिश्तां को बचा कर रखो ,
कोई नापाक निगाहें न वतन पर उठे ,
आँखों में चिंगारी सजा कर रखो।
No comments:
Post a Comment