पुरुष ने
स्त्री से कहा -
मैं श्रेष्ठ हूँ
स्त्री ने पूछा -
वह कैसे ?
पुरुष बोला -
मैं समन्दर की छाती
चीर सकता हूँ ,
आकाश लाँघ सकता हूँ ,
पहाड़ तोड़ सकता हूँ ,
युद्ध , कोई भी हो ,
जीत सकता हूँ ,
और ...
और क्या - स्त्री ने पूछा ?
मैं नदी मोड़ सकता हूँ ,
हवा का रुख बदल सकता हूँ ,
फौलादी हैं हमारी भुजायें ,
लोहे को भी तोड़ - मरोड़ सकता हूँ .........
स्त्री बोली -
चलो , तुम जीते ,
मैं हारी ,
किन्तु !
पुरुष को ,जन्म तो ,
एक स्त्री ही देती है !
पुरुष चुप हो गया .........
- विजय कुमार सिन्हा " तरुण "
Thursday, November 17, 2022
स्त्री
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