Thursday, July 11, 2019

तुम यूँ ही सदा मुस्कुराती रहो ,
जीत के गीत हरदम ही गाती रहो।
आशीष , शुभकामना।

मौन

मौन ही तो साधना है ,
मौन ही आराधना है ,
मौन में ही प्रश्न है ,
मौन में उत्तर समाहित ,
समझ सके गर जो भी कोई,
भाषा अबोले मौन की ,
तो , वह , इतना जान ले ,
मौन ही सबसे मुखर है ,
शेष सब ही गौण है ,
शेष सब ही गौण है  ........... 

( प्रकाशित  )