Thursday, April 30, 2020

दुनिया तो एक रंगमंच है

छूट गए सब एक  - एक कर ,
अपने और पराये ,
खाली हाथ ही  जाना होगा ,
क्या लेकर थे आये।
बचपन बीता माँ की गोद में ,
पत्नि संग जवानी ,
स्वर्ण काल जीवन के हमने ,
सो कर के ही गंवाए।
जीवन के संघर्षों की भी ,
अपनी  एक कहानी ,
कभी रुलाया जी भर मुझको ,
कभी खूब मुस्काये।
काया जर्जर हुआ तो जाना ,
आया पास बुढ़ापा ,
अब तो है चलने की बारी ,
मनुआ तू क्यों रोये।
दुनिया तो एक रंगमंच है ,
सबका आना -जाना ,
जीवन के कर्तव्य निभा कर ,
तुमने रीत निभाये।

Saturday, April 4, 2020

सूरज जरूर आयेगा

गम न कर , आँसू न बहा ,
ये वक़्त है , गुजर जायेगा ,
दिल के जख्में न  गिन ,
ये भी भर जायेगा ,
बस इन्तजार कर ,
तू प्रात का ,
तम  भी ये कट जायेगा ,
सूरज जरूर आयेगा।

काल है , कराल है ,
संक्रमण का काल है ,
मुँह बन्द रख , मुँह बन्द रख ,
यह  भी चला  जायेग।
है हवाओं में जहर ,
दूरियाँ  बना ले तू ,
पास वह न आयेगा ,
खुद ही चला जायेगा।
रावणी दर्प है ,
है  अट्टहास कंस का ,
कर आह्वान कृष्ण का ,
सब फ़ना हो जायेगा।