Friday, April 15, 2016

श्रद्धांजलि

शब्दों का जादूगर सोया ,
कौन रचे शब्दों से गीत ,
दूर देश को चला गया वह ,
बन बैठा तारों का मीत।

हँसते- हँसते अभी मिला था ,
करता था वह सबसे प्रीत ,
क्या बच्चे ,क्या बूढ़े ,युवा ,
सब के दिल को लिया था जीत।

आज विदा हो गया जगत से ,
छोड़ गया जग के सब रीत ,
होंठ तुम्हारे बंद  गये ,
पर मुखरित हैं तेरे गीत।

यही हमारी श्रद्धांजलि है , तुमको मेरे मीत ,
सदा गूँजता रहे विश्व में ,तेरा सुन्दर गीत।

(  स्वo  श्री चिन्मय ' सायर ' को श्रद्धांजलि  )
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