शब्दों का जादूगर सोया ,
कौन रचे शब्दों से गीत ,
दूर देश को चला गया वह ,
बन बैठा तारों का मीत।
हँसते- हँसते अभी मिला था ,
करता था वह सबसे प्रीत ,
क्या बच्चे ,क्या बूढ़े ,युवा ,
सब के दिल को लिया था जीत।
आज विदा हो गया जगत से ,
छोड़ गया जग के सब रीत ,
होंठ तुम्हारे बंद गये ,
पर मुखरित हैं तेरे गीत।
यही हमारी श्रद्धांजलि है , तुमको मेरे मीत ,
सदा गूँजता रहे विश्व में ,तेरा सुन्दर गीत।
( स्वo श्री चिन्मय ' सायर ' को श्रद्धांजलि )
----- ( प्रकाशित )
कौन रचे शब्दों से गीत ,
दूर देश को चला गया वह ,
बन बैठा तारों का मीत।
हँसते- हँसते अभी मिला था ,
करता था वह सबसे प्रीत ,
क्या बच्चे ,क्या बूढ़े ,युवा ,
सब के दिल को लिया था जीत।
आज विदा हो गया जगत से ,
छोड़ गया जग के सब रीत ,
होंठ तुम्हारे बंद गये ,
पर मुखरित हैं तेरे गीत।
यही हमारी श्रद्धांजलि है , तुमको मेरे मीत ,
सदा गूँजता रहे विश्व में ,तेरा सुन्दर गीत।
( स्वo श्री चिन्मय ' सायर ' को श्रद्धांजलि )
----- ( प्रकाशित )
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