Monday, January 11, 2021

कमेंट्स

धन्यवाद    रोचक    अच्छी रचना   बधाई    आपका आशीर्वाद हमारे साथ 

कमेंट्स     अच्छी कहानी  बहुत सुन्दर ,    बहुत खूब

बूढी हो गई आँखें , अतीत के पन्नों में खोई ,               

कहाँ छूटा , कहाँ खोया ,इसी यादों में है खोई।            आहा ! क्या बात है 

शादी की सालगिरह की बहुत - बहुत शुभकामनायें 

जन्म दिन की बहुत -बहुत बधाई एवं शुभकामनायें

अजब हैं लोग ,

पेड़ों को काट कर  " हवा "  ढूंढ़ते हैं ,                                       विजय कुमार सिन्हा " तरुण "

मिटा कर सूरज ,

" सवेरा "  ढूंढ़ते है। 

 हम तो चले परदेश 

भले ही हम आप से दूर बहुत रहते हैं ,

भूले नहीं हैं , हम , रोज याद करते हैं। 

आपकी नज़्मों को हम रोज पढ़ा करते हैं ,

इनमें सेझाँकती छवि आपकी देख लेते हैं।