धन्यवाद रोचक अच्छी रचना बधाई आपका आशीर्वाद हमारे साथ
कमेंट्स अच्छी कहानी बहुत सुन्दर , बहुत खूब
बूढी हो गई आँखें , अतीत के पन्नों में खोई ,
कहाँ छूटा , कहाँ खोया ,इसी यादों में है खोई। आहा ! क्या बात है
शादी की सालगिरह की बहुत - बहुत शुभकामनायें
जन्म दिन की बहुत -बहुत बधाई एवं शुभकामनायें
अजब हैं लोग ,
पेड़ों को काट कर " हवा " ढूंढ़ते हैं , विजय कुमार सिन्हा " तरुण "
मिटा कर सूरज ,
" सवेरा " ढूंढ़ते है।
हम तो चले परदेश
भले ही हम आप से दूर बहुत रहते हैं ,
भूले नहीं हैं , हम , रोज याद करते हैं।
आपकी नज़्मों को हम रोज पढ़ा करते हैं ,
इनमें सेझाँकती छवि आपकी देख लेते हैं।
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