Thursday, February 25, 2021

लो वसंत आ गया पथिक रे !

 

 

 

 

 

 

 


 

लो वसंत आ गया पथिक रे !

फूलों पर आई मादकता ,

पर्ण छाँव में बैठ पपीहा ,

पिहूपिहू की टेर लगाता।

सरसों फूले ,तीसी फूले ,

बाँज-बुरांस जंगल दहकाता ,

लहर-लहर  नदियाँ जब बहती ,

कूल -कूल यौवन लहराता।

शुक ,पिक ,खग , खंजन औ बुलबुल,

मिल कर सारे शोर मचाते ,

फूल - फूल भौंरा मंडराये ,

जब -जब, यह वसंत है आता। 

लो वसंत आ गया पथिक रे   ......


No comments:

Post a Comment