Saturday, June 19, 2021

प्यार बाँटिये

बाँटना ही है अगर , तो प्यार बाँटिये ,
नफ़रतों की आग , हरगिज न बाँटिये।
यह आग है ,बस आग , करती न कोई फ़र्क़ ,
इस आग से मोहतरम , अपना घर बचाइये।
हम सब ही जल जायेंगे , कोई ना बचेगा ,
दिल में है गर जगह ,मुहब्बत सजाइये।
पास होकर भी हैं हमसब , दूर दूजे से ,
कर रहा मौसम इशारा , इसको जानिये।
घर कीजिये रौशन , अपना प्यार बाँट कर ,
हो सके , तो , प्यार का दीपक जलाइये।
-विजय कुमार सिन्हा "तरुण "
रचना तिथि :- 06 - 05 - 2021