Thursday, April 13, 2017

चिड़िया तुम अच्छा गाती हो

चिड़िया तुम अच्छा  गाती हो ,
अपने मीठे मधुर स्वरों से ,
सब का मन  हर्षा जाती हो,
चिड़िया तुम अच्छा गाती हो।

कितने सुन्दर पंख तुम्हारे ,
रंग - बिरंगे प्यारे - प्यारे ,
इन पंखों के  बल पर ही तुम ,
देश - विदेश घूमा  करती  हो ,
चिड़िया तुम अच्छा गाती  हो।

मनमोहक हैं चोंच चुटीले  ,
छोटे - मोटे और नुकीले ,
कीट - पतंगा , फल खाती हो  ,
नीड़ के लिये तिनका लाती हो,
चिड़िया तुम अच्छा गाती हो।

सूरज ढलते सो जाती हो ,
पौ फटते ही जग जाती हो ,
आँधी , तूफां और  बारिस से ,
कभी नहीं  तुम घबराती हो ,
चिड़िया तुम अच्छा गाती हो।

तिनका , तिनका जोड़ - जोड़ कर,
अपना नीड़ बना लेती हो ,
समय पर सोना ,समय पर जगना ,
हम सब को तुम सिखलाती हो ,
चिड़िया तुम अच्छा गाती हो।
            ---------- रचनाकार :- मंजु  सिन्हा

( नोट : - प्रकाशित )