तुम सूरज चाँद हमारे हो ,
इन दो नैयनों के तारे हो ,
तुम हीरक हार हमारे हो ,
इस आँगन के उजियारे हो ।
जीवन कुसुम सरिस सा महके
तुमको देख दिशायें चमके ,
ऊषा करे तेरा अभिनन्दन ,
तारागण मिल गीत सुनावें ।
चमके जग में तेज तुम्हारा ,
दिग - गिगंत हो नाम तुम्हारा ,
जीवन सुखमय रहे सदा ही ,
है बस यह आशीष हमारा ।
इन दो नैयनों के तारे हो ,
तुम हीरक हार हमारे हो ,
इस आँगन के उजियारे हो ।
जीवन कुसुम सरिस सा महके
तुमको देख दिशायें चमके ,
ऊषा करे तेरा अभिनन्दन ,
तारागण मिल गीत सुनावें ।
चमके जग में तेज तुम्हारा ,
दिग - गिगंत हो नाम तुम्हारा ,
जीवन सुखमय रहे सदा ही ,
है बस यह आशीष हमारा ।