Tuesday, March 8, 2016

गरमी आई , गरमी आई

सूरज लाल हुआ है भाई ,
गरमी  आई , गरमी  आई।
जाड़ा भाग गया है डर से ,
गई रजाई ,गई रजाई।
मुझको प्यारी लगती गरमी ,
आइसक्रीम व कुल्फी लाई।
गरमी ने उपहार हैं लाये ,
खरबूजे ,तरबूजे लाई।
मधुर, रसीले आम भी लाया ,
शर्बत खूब पियो तुम भाई।
ठंढे - ठंढे जल से नित दिन ,
मल - मल बदन नहाओ भाई।