Tuesday, August 26, 2014

फुर्सत के क्षण में


           





















                 ( 1  )
हम याद नहीं करते उनको ,              
ऐसा तो नहीं है ,                                                                                   
जाने ,क्यों ये भ्रम पाल रक्खा है ,
ऐसा तो नहीं है ,
हम दिल में उनकी याद लिए
रहते तो हैं हरदम ,
कुछ मजबूरियाँ रही होंगी ,
भूले नहीं हैं हम।
                 (  2   )
खत उनका , बड़े प्यार से
पढ़ते रहे हैं हम ,
लिखने की थी मजबूरियाँ ,
कुछ लिख सके न हम ,
शायद यही बात,
उनको दे गया हो दर्द ,
लब से छलक कर
लेखनी में ,
उतरा मन का गर्द।
              (  3   )
 रास्ते जाने कहाँ-कहाँ पे मुड़ गये ,
हर मोड़ मेरी जिन्दगी में शूल बो गए ,
पर प्रीत के ही फूल बिछाता चला गया ,
काँटों से जिन्दगी को सजाता चला गया।
                (   4    )
छोड़ो गिले औ शिकवे ,
नया कुछ आज कर जायें ,
भूली हुई कुछ मीठी बातें ,
याद कर जायें ,
वो शरारतें ,वो चुहलवाजियाँ ,
सब कुछ तो याद है ,
कुछ देर के ही लिए ,
हम अजनबी बन जायें।