Friday, October 11, 2019

बिल्ली , चूहा और घंटी

सुना है शहर में एक बड़ा जादूगर आया है ,
बड़े - बड़े जादू दिखलाता  है। 
जब वह अपना हाथ हिलाता है
साँप  को रस्सी और रस्सी को साँप  बना देता है।
 उसका जादू देखने को भीड़ लगी रहती है ,
उसकी आवाज दूर - दूर तक सुनाई देती है।
एक दिन उसी भीड़ में एक चूहा भी खड़ा था ,
उसके  एक हाथ में एक घंटी पड़ा था।
चूहा दरअसल बिल्ली के गले में
घंटी बांधने जा रहा था ,
पर भीड़ देख कर  वह भी
जादूगर का जादू देखने रुक गया था ।
जादूगर ने कहा -
अपने हाथ की सफाई दिखाता हूँ ,
तुम सब देखो
कैसे शेर को बिल्ली बनाता हूँ।
इतना कह जादूगर शेर की तरह गुर्राया ,
चूहे की समझ में कुछ भी ना आया ,
पर अगले ही पल उसने शेर को
बिल्ली बना पिंजरे में बंद पाया।
जो पहले शेर था  ,
अब बिल्ली बना पिंजरे में बंद है ,
लोग कहते हैं
जादूगर बहुत अक्लमंद है।
चूहे ने मन में सोचा - जादू तो जादू है ,
कब किसका जादू चल जाए ,
आज जो शेर पिंजरे में बंद है ,
कल्ह बाहर आ जाए ,और
आज जो जादूगर, बाहर है ,
कल्ह पिंजरे के अन्दर हो जाए।
इतना सोचते ही उसे
बिल्ली का ध्यान आया ,
घंटी वहीँ भूल  सिर पर पैर रख कर
रफूचक्कर हो गया।
बिल्ली , चूहे और घंटी की कहानी
तब से वहीँ  खड़ी है ,
 जादूगर अब भी है , पर
जादू उसके जेब में पड़ी है।