Thursday, October 6, 2016

विजय कुमार सिन्हा " तरुण "
डी - 40 , रेस कोर्स , देहरादून
( उत्तराखण्ड )- 248001

गूँजा शंखनाद आज

ज्यों उठा उदधि में ज्वार ,जगा शौर्य जन - जन में ,
गूँजा शंखनाद आज , है भारत के प्रांगण में।

मोल लहू से कम ना हो , मातृभूमि  पर हुए शहीद ,
जीवन जिसने वार दिया , सरहद पर अरिमर्दन में।

कर हुँकार गर्जना सिंह सा , अरि दल पर जब टूट पड़े ,
मानो काल - कराल आज , खड़ा शत्रु  के आँगन में।

गुह्य गढ़ को भेद अरि के , पहुँच गया वह अरि गढ़ में ,
जैसे मद से मत्त शत्रि , जा पहुँचा कदलीवन में।

अरि पर कर भीषण प्रहार , घाट मौत के सुला दिया ,
तहस - नहस कर शत्रु शिविर ,  जग को नव संदेश दिया।

देख पराक्रम के वैभव को , जग ने जयजयकार किया ,
माँ के वीर सपूतों को ,देवों ने भी नमन किया।