Sunday, August 19, 2018

श्रद्धांजलि

चमका नभमें एक सितारा ,
 वह था प्यारा  ' अटल ' हमारा।
फूलों ने उसको महकाया ,
धरती ने उसको था सँवारा।
पूरब - पश्चिम , उत्तर - दक्खिन ,
सब  का ही वह तो था दुलारा।
टूट गया नभ का वह तारा ,
शोक में डूबा जग यह सारा।
मौन हुई हैं सभी  दिशायें ,
खो गया  भारत का उजियारा।
है नमन तुम्हे हे महापुञ्ज ,
अमर नाम जग में है तुम्हारा।
दो फूल चरणों  में अर्पित है ,
स्वीकार करो श्रद्धांजलि हमारा।