Wednesday, April 8, 2015

साथी तुम देना सब साथ रे ….. ( बाल- गीत )

सूरज जो ढल जायेगा ,
अँधियारा घिर आयेगा ,
तारों की आयेगी बारात रे ,
हो,चँदा से होगी मुलाक़ात रे. .....

आँखों में निंदिया आये ,
निंदियों में सपने आये ,
सपनों में परियों की बारात रे ,
हो ,ख़ुशियों की बाँटे सौगात रे........

रेशम के रथ पर सज कर ,
सूरज पूरब से आये,
भागेगा अब तो काली रात रे ,
हो ,उतरेगा नभ से सुप्रभात रे  ........

कलियाँ खुशबू बिखराये ,
चिड़ियाँ चह - चह कर गाये ,
मन की बतलाये अपनी बात रे ,
हो , जीवन खुशियों की सौगात रे  ……

आओ हम मिल कर गायें ,
मेहनतकश हम बन जाएँ ,
आलस को देंगे हम सब मात रे ,
हो, साथी तुम देना सब साथ रे   ….... ( बाल- गीत  )

Sunday, April 5, 2015

नहीं हताश कभी भी होना

गम क्या करना उन सपनों का ,
छूट गये तो छूट गये ,
शोक आसमां नहीं मनाता ,
कितने तारे टूट गये।

हेमंत ,शिशिर, पतझड़  ,वसंत ,
चले गये  तो चले  गये ,
सावन में सरसिज खिल जाते ,
सरवर सब जीवंत भये।

पाना खोना ,फिर पा जाना ,
जीवन के सरगम हैं ये ,
मझधारों ने हार मान ली ,
जो सागर के पार गये।

नहीं हताश कभी भी होना ,
जीवन में जो छूट गये ,
नई डगर पर बढ़ जाना तुम ,
रच कर मन के गीत नये।


Friday, April 3, 2015

राही थक कर बैठ न जाना

राही थक कर बैठ न जाना ,
बहुत दूर है तुमको जाना।
अस्ताचल को जाए सूरज ,
खोना नहीं कभी भी धीरज।
गहरे में  जो भी है पैठा ,
उसके हाथ लगे हैं नीरज।

राही थक कर बैठ न जाना ,
बहुत दूर है तुमको जाना।

है अंधकार चतुर्दिक फैला ,
घोर सघन नीरवता फैला।
तेजोमय के सम्मुख यारा  ,
नहीं कभी ठहरा अँधियारा।
पल भर का , है ये अंधेरा ,
आने  को है जल्द सबेरा।

राही थक कर बैठ न जाना ,
बहुत दूर है तुमको जाना।