नये वर्ष में मिलकर हम सब
नये - नये सपने बुन लें ,
किस्म - किस्म के फूल यहाँ हैं ,
उनमें से कुछ हम चुन लें ।
आशाओं के नये पंख ले
जीवन- नभ में हम उड़ लें ,
नहीं करेंगे वैर किसी से
मन में यह निश्चय कर लें ।
भ्रष्टाचार और कदाचार का
साथ न देंगे जीवन में ,
अपने से छोटों की झोली
सदा प्यार से हम भर दें ।
मातु - पिता गुरुजन की सेवा , का
व्रत हम धारण कर लें ,
हत्या कन्या - भ्रूण का ना हो
ठान के इसका प्रण कर लें ।
ना जाने कि कौन सी कन्या
जग को तारने वाली हो ,
ऐसा ना हो अपने हाथों
नाश न अपना हम कर लें ।
नहीं गये गर मंदिर - मस्जिद
काज नये कुछ हम कर लें ,
किसी गरीब की कन्या को ही
हम थोड़ा शिक्षित कर लें ।
हम मानव हैं मानव बन कर
जग में कुछ ऐसा कर लें
जिससे हो कल्याण विश्व का
इतिहास ऐसा रच लें ।
अभिनन्दन नव वर्ष तुम्हारा
अमन चैन खुशहाली हो ,
विश्व के कोने - कोने में नित
ईद , होली ,दीवाली हो ।
----- ( प्रकाशित )
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