Saturday, January 18, 2014

अभिनन्दन नव वर्ष



नये वर्ष में मिलकर हम सब
नये - नये सपने बुन लें  ,
किस्म - किस्म के फूल यहाँ हैं  ,
उनमें से कुछ हम चुन लें  ।

आशाओं के नये पंख ले
जीवन- नभ में हम  उड़  लें  ,
नहीं करेंगे वैर किसी से
मन में यह निश्चय कर लें  ।

भ्रष्टाचार और कदाचार  का
साथ न देंगे जीवन में ,
अपने से छोटों की झोली
सदा प्यार से हम भर दें   ।

मातु - पिता गुरुजन की सेवा , का
व्रत हम धारण कर लें ,
हत्या कन्या - भ्रूण का ना हो
ठान के इसका प्रण कर लें  ।

ना जाने कि कौन सी कन्या
जग को तारने वाली हो ,
ऐसा ना हो अपने हाथों
नाश न अपना हम  कर लें  ।

नहीं गये गर मंदिर - मस्जिद
काज नये कुछ हम कर लें ,
किसी गरीब की कन्या को ही
हम थोड़ा शिक्षित कर लें  ।

हम मानव हैं मानव बन कर
जग में कुछ ऐसा कर लें
जिससे हो कल्याण विश्व का
इतिहास ऐसा रच लें  ।

अभिनन्दन नव वर्ष तुम्हारा
अमन चैन खुशहाली हो ,
विश्व के कोने - कोने में नित
ईद , होली ,दीवाली हो  ।
   
      -----  ( प्रकाशित )

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