लौट आओ तुम , (कि ) अब ये
दिल मेरा लगता नहीं ,
नेह के इस पंथ को , न जाओ ,
तुम यूँ छोड़ कर ,
जन्मों के बंधन हैं ये , न जाओ ,
तुम यूँ तोड़ कर ,
चुप न बैठो ,कुछ सुनाओ
दिल मेरा लगता नहीं..........
फूल संग काँटे रहें , या
संग काँटे फूल के
संग ही हम तो खिले हैं
जग के इस दुकूल पे ,
रूठ कर तुम यूँ न जाओ
दिल मेरा लगता नहीं ........
साथ ही जीवन मिला है
साथ ही हम जाँयेंगे ,
इस धरा पर प्यार का
संदेश दे कर जाँयेंगे ,
तुम जरा सा मुस्कुराओ
दिल मेरा लगता नहीं ..........
प्यार के जो क्षण मिले
आओ सजाएँ प्यार से
बिन तुम्हारे प्यार के ,कोई
छंद बन पाता नहीं ,
गीत कोई गुन - गुनाओ
दिल मेरा लगता नहीं ........
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