Sunday, August 5, 2012

गाँधी की फुलवारी

यह     धरती    न्यारी - न्यारी    है  ,
सुंदरता     इस   पर    वारी         है
लक्ष्मी   इस        पर    अवतारी  है  ,
यह    हमको    प्यारी - प्यारी      है ,
यह    गाँधी    की     फुलवारी      है  ।

हिम  - किरीट  - कैलाश     शिखर  ,
इस   भारत   माँ   की    बिंदी     है  ,
हमने तो , तन -मन - धन  सब  कुछ     ,
इस    हिन्दुस्तान    पे   वारी      है  ,
यह   गाँधी    की    फुलवारी      है  ।

(   वर्ष   1969  में   लिखित  )

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