यह धरती न्यारी - न्यारी है ,
सुंदरता इस पर वारी है
लक्ष्मी इस पर अवतारी है ,
यह हमको प्यारी - प्यारी है ,
यह गाँधी की फुलवारी है ।
हिम - किरीट - कैलाश शिखर ,
इस भारत माँ की बिंदी है ,
हमने तो , तन -मन - धन सब कुछ ,
इस हिन्दुस्तान पे वारी है ,
यह गाँधी की फुलवारी है ।
( वर्ष 1969 में लिखित )
सुंदरता इस पर वारी है
लक्ष्मी इस पर अवतारी है ,
यह हमको प्यारी - प्यारी है ,
यह गाँधी की फुलवारी है ।
हिम - किरीट - कैलाश शिखर ,
इस भारत माँ की बिंदी है ,
हमने तो , तन -मन - धन सब कुछ ,
इस हिन्दुस्तान पे वारी है ,
यह गाँधी की फुलवारी है ।
( वर्ष 1969 में लिखित )
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