Friday, December 19, 2025

चुपके - चुपके, आँसू बहाना

 ऐसा नहीं, कि कभी ,

मेरी आँख से आँसू न टपका हो ,

ये और बात है -

लोग महसूस नहीं करते ,

और ,

ऐसा भी नहीं , कि ,

मैं कोई अकेला ही हूँ 

इस जहान में ,

आप भी हैं - और आप भी ,

ये भी हैं और वो भी हैं, 

बस सभी के चेहरे पर 

मुखौटे हैं...... 

सच कह ,  तो बताना ,

और , 

चुपके - चुपके,आँसू बहाना  ..... 

नहीं, नहीं , 

मेरा मतलब , आपका दिल 

दुखाने का नहीं है ,

पर , जो सत्य है ,

वही तो कहा है मैंने  ....... 

No comments:

Post a Comment