Sunday, May 14, 2017

माँ

माँ ,
कैसे कह दूँ कि तुम नहीं हो !
तुम हो ,
जब तक एक मेरी साँसे हैं ,
जब तक दिल में धड़कन है ,
जब तक मेरी रगों में दौड़ता
तेरा लहू है ,
हाँ माँ , हाँ ,
तुम हो , तुम हो , तुम हो  ....... 

No comments:

Post a Comment