ये दिल उदास जब हो जाये ,
नहीं कोई राह नजर आये ,
तुम मेरे पास चली आना ,
अपनी कहना ,मेरी सुनना।
जग की दो रंगी नीति यहाँ ,
इन पर विश्वास नहीं करना ,
अपने मन की बातें सुनना ,
अपने मन की बातें करना।
मन की अपने मन में रखना ,
दिल के सब जख्म छुपा रखना ,
न बात कोई लब पर लाना ,
ना आँखों में आँसू लाना।
तेरे अश्कों की भाषा को ,
क्या जग समझेगा नादां है ,
जो बात किसी से कह न सके ,
दिल में वो बात सँजो रखना।
न जाने " तरुण " कब बात वही ,
रौशन तेरी दुनियाँ कर जाए ,
यादों के चिरागों को न बुझा ,
ये शमां जलाये ही रखना।
नहीं कोई राह नजर आये ,
तुम मेरे पास चली आना ,
अपनी कहना ,मेरी सुनना।
जग की दो रंगी नीति यहाँ ,
इन पर विश्वास नहीं करना ,
अपने मन की बातें सुनना ,
अपने मन की बातें करना।
मन की अपने मन में रखना ,
दिल के सब जख्म छुपा रखना ,
न बात कोई लब पर लाना ,
ना आँखों में आँसू लाना।
तेरे अश्कों की भाषा को ,
क्या जग समझेगा नादां है ,
जो बात किसी से कह न सके ,
दिल में वो बात सँजो रखना।
न जाने " तरुण " कब बात वही ,
रौशन तेरी दुनियाँ कर जाए ,
यादों के चिरागों को न बुझा ,
ये शमां जलाये ही रखना।
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