Friday, December 18, 2015

मैं हवा का एक झोंका

मैं हवा का एक झोंका ,
मुँह न मुझसे फेरो तुम ,
प्रणय के इस मास में प्रिय  ,
गेह लो बाँहों में तुम।

पल दो पल की जिन्दगी है ,
पल दो पल का है मिलन ,
एक पल ठहरूँ न ठहरूँ ,
आ भी जा मेरे सनम।

चाँद की किरणें सुहानी ,
आज पूनम रात की ,
एक पल बैठो मेरे संग ,
कर लो बातें प्यार की।


आज दिल की बात कह लो ,
आज दिल की बात सुन लो ,
फिर क्या जाने आज का पल ,
लौट कर आये न कल।

है नहीं मनुहार का पल ,
बस यही एक प्यार का पल ,
आ गले मिल जायें हम - तुम ,
भूल कर सब द्वंद हम।

मैं हवा का एक झोंका   ..

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