जन्नत से भी प्यारा माँ का आँचल लगता है ,
स्वर्ग से भी ज्यादा सुख माँ की गोद में मिलता है ।
माँ की ममता के आगे पत्थर भी पिघलता है ,
माँ की छाती से केवल अमृत ही छलकता है ।
माँ की बाहों में आकर आकाश भी झुकता है ,
चाँद और सूरज भी माँ की आँखों से चमकता है ।
होंठों पर मुस्कान सदा मेरी माँ के रहती है ,
उसकी वाणी में तो सदा चन्दन ही महकता है ।
इस दुनियाँ में माँ मेरी तुझ सा कोई नहीं दूजा ,
भाग हों मेरे ऐसे कि नित दिन तेरी करूँ पूजा ।
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