1
साथी तो बहुत मिलते हैं ,
सारथी नहीं मिलते ,
सारथी जो मिल जाए
जीवन कृष्णमय हो जाए ।
2
गैरों से जो उम्मीद थी ,
अपनों ने कर दिया ,
सच बोलने को लव खुले ,
झूठ ने सिल दिया ।
3
सच और झूठ में ,
इतना ही अंतर है -
सच एक नम्रता है ,
झूठ हठी होता है ।
4
जब पहाड़ों पर बर्फ उगेंगे ,
नदियों में तैरेगा पानी ,
खेतों में लह - लहलहायेंगी ,
धान की फसलें ,
और ,
जब पक जायेगी ,
धान की बाली
तब होगी मेरी दीवाली ।
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