हम बलिदानी की टोली हैं
हम तुम्हें जगाने आये हैं ,
तेरे सुप्त धमनियों में हम ,
जोश जगाने आये हैं ।
हम बलिदानी की टोली हैं .........
जब तक इस धरती पर जीवित
वंसज नादिरशाह के होंगे ,
जयचंदों के पूत यहाँ पर
नि:शंक हो कर राज करेंगे ,
सपना गाँधी का पूर्ण न होगा
भारत का कल्याण न होगा ,
हो सावधान ओ गद्दारों ,
हम तुम्हें जताने आये हैं ।
हम बलिदानी की टोली हैं ...............
सुनो देश के युवाओं तुम
अमर शहीदों की ये वाणी ,
जब तक सोये रहो मीच तुम
आँखों में भर खारा पानी ,
समझेंगे , व्यर्थ गया बलिदान
हमारा , पावन भारत भू पर ।
तुम हो नर , नर - केशरी ,
यह तुम्हें बताने आये हैं ।
हम बलिदानी की टोली हैं ...............
कहने को आजाद हो गए
भारत देश के जन - गण - मन ,
किन्तु दासता और कटुता का
हर दिल में संसार बसा है ,
भ्रष्ट और अनाचारी ही
भारत का भगवान् बना है ।
इन भगवानों को फिर से
ललकार लगाने आये हैं ।
हम बलिदानी की टोली हैं ................
पार्थ , कृष्ण की धरती पर
दुर्योधन अब भी जीवित है ,
खींच रहा नारी के वस्त्र
पर , जनता अब भी सोई है ।
तुम उठो देश की बालाओं
कुछ आज नया श्रृंगार करो ,
कंगन , चूड़ी की खन - खन से
यह तुमको आज बताना है -
हम पायल की झंकारों से
तूफ़ान जगाने आये हैं ।
हम बलिदानी की टोली हैं ...................
तुमने बीते वर्षोँ में बस ,
केवल जश्न मनाये हैं ,
आजादी के बलिदानी का
तुमने उपहास मनाये हैं ,
यह देख , हृदय जब दहल गया
हम फिर इस भू पर आये हैं ,
हम हैं क्रान्ति , क्रांति वीर ,
हम क्रांति जगाने आये हैं ।
हम बलिदानी की टोली हैं ..................
इस पावन आजादी के दिन
सबको कसम उठाना है ,
ऊँचा सदा रहे ये तिरंगा
ऐसा आन निभाना है ,
भारत के जन - जन को आज
बीड़ा ये उठाना है
सम्पूर्ण विश्व में भारत का
परचम हमको लहराना है ।
हम बलिदानी की टोली हैं ,
हम तुम्हें जगाने आये हैं ।
सम्पूर्ण विश्व में भारत का
परचम हमको लहराना है ।
हम तुम्हें जगाने आये हैं ,
तेरे सुप्त धमनियों में हम ,
जोश जगाने आये हैं ।
हम बलिदानी की टोली हैं .........
जब तक इस धरती पर जीवित
वंसज नादिरशाह के होंगे ,
जयचंदों के पूत यहाँ पर
नि:शंक हो कर राज करेंगे ,
सपना गाँधी का पूर्ण न होगा
भारत का कल्याण न होगा ,
हो सावधान ओ गद्दारों ,
हम तुम्हें जताने आये हैं ।
हम बलिदानी की टोली हैं ...............
सुनो देश के युवाओं तुम
अमर शहीदों की ये वाणी ,
जब तक सोये रहो मीच तुम
आँखों में भर खारा पानी ,
समझेंगे , व्यर्थ गया बलिदान
हमारा , पावन भारत भू पर ।
तुम हो नर , नर - केशरी ,
यह तुम्हें बताने आये हैं ।
हम बलिदानी की टोली हैं ...............
कहने को आजाद हो गए
भारत देश के जन - गण - मन ,
किन्तु दासता और कटुता का
हर दिल में संसार बसा है ,
भ्रष्ट और अनाचारी ही
भारत का भगवान् बना है ।
इन भगवानों को फिर से
ललकार लगाने आये हैं ।
हम बलिदानी की टोली हैं ................
पार्थ , कृष्ण की धरती पर
दुर्योधन अब भी जीवित है ,
खींच रहा नारी के वस्त्र
पर , जनता अब भी सोई है ।
तुम उठो देश की बालाओं
कुछ आज नया श्रृंगार करो ,
कंगन , चूड़ी की खन - खन से
यह तुमको आज बताना है -
हम पायल की झंकारों से
तूफ़ान जगाने आये हैं ।
हम बलिदानी की टोली हैं ...................
तुमने बीते वर्षोँ में बस ,
केवल जश्न मनाये हैं ,
आजादी के बलिदानी का
तुमने उपहास मनाये हैं ,
यह देख , हृदय जब दहल गया
हम फिर इस भू पर आये हैं ,
हम हैं क्रान्ति , क्रांति वीर ,
हम क्रांति जगाने आये हैं ।
हम बलिदानी की टोली हैं ..................
इस पावन आजादी के दिन
सबको कसम उठाना है ,
ऊँचा सदा रहे ये तिरंगा
ऐसा आन निभाना है ,
भारत के जन - जन को आज
बीड़ा ये उठाना है
सम्पूर्ण विश्व में भारत का
परचम हमको लहराना है ।
हम बलिदानी की टोली हैं ,
हम तुम्हें जगाने आये हैं ।
सम्पूर्ण विश्व में भारत का
परचम हमको लहराना है ।
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