तेज हवा के झोकों से
डाल से टूट कर
गिर जाती हैं
अम्बियाँ ज़मीन पर
जिसे देख ,
बच्चे दौड़ते हैं बीनने ,
उनकी हथेलियों में
कुछ ही अम्बियाँ समा पाती हैं ,
तभी ,
आती हुई कड़क आवाज से
भयभीत हो जाते हैं बच्चे
और
हथेलियों से फिसल जाती हैं
अम्बियाँ ।
खाली हाथ लिये
भाग कर दूर खड़े होते हैं ,
दूर से गिरी हुई
अम्बियों को देखते हैं ।
देखते हैं कि ,
वही कड़क आवाज वाला हाथ
अम्बियों को बीन रहा है ,
बच्चे सोचते हैं
शायद , इसके घर भी
केवल रोटी बनी होगी ,
अम्बियों को छील काट कर
नमक , मिर्च लगा कर
रोटी को धकेल लेगा
अपने भूखे पेट में ...................
नोट :- कादम्बिनी ( मासिक पत्रिका ) माह अगस्त - 2015 में प्रकाशित।
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