लहर -लहर नदिया की लहरें ,
पूछ रहीं हर कोर-कोर से ,
होकर अति बेचैन ,
नाव किसने है डुबोई ?
नाविक था मगरूर ,
नशे में था वह चूर ,
आंधी आई , तूफां आया ,
फिर भी वह तो चेत न पाया।
था उसको बहुत गुरूर ,
था मस्ती में भरपूर ,
जा बैठा मस्तूल के ऊपर ,
नाव गई वह डूब।
आंधी ने नहीं ,तूफां ने नहीं ,
ना लहरें , ना नदिया ,
था जिनके हाथों पतवार ,
नाव उसने ही डुबोई।
रचना तिथि - 07 -05 - 2021
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