काव्य मंजरी
विजय कुमार सिन्हा "तरुण" की काव्य रचनाएँ.
Pages
कविताएँ
कविताओं की सूची
Thursday, October 17, 2019
ग़म तो है दुनियाँ में बहुत , लेकिन
कभी मुस्कुरा कर भी देखिये ,
काँटों की हथेली पर खिलता है गुलाब ,
उससे मुस्कुराना सीखिए।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment