Monday, March 12, 2018

तुम याद बहुत आती हो

अंतस की पीड़ा जब घुलने लगती मन में ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब वसंत की थापों पर सरसों लहराता ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब - जब बादल घिरने लगता नीले नभ में ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब घेर लेता तनहाई मुझको साँझ ढले ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब - जब बजती दूर कहीं भी शहनाई है ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब - जब मेरी आँखों में तिरते हैं सपने ,
तुम याद बहुत आती हो

No comments:

Post a Comment