अंतस की पीड़ा जब घुलने लगती मन में ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब वसंत की थापों पर सरसों लहराता ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब - जब बादल घिरने लगता नीले नभ में ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब घेर लेता तनहाई मुझको साँझ ढले ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब - जब बजती दूर कहीं भी शहनाई है ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब - जब मेरी आँखों में तिरते हैं सपने ,
तुम याद बहुत आती हो
तुम याद बहुत आती हो।
जब वसंत की थापों पर सरसों लहराता ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब - जब बादल घिरने लगता नीले नभ में ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब घेर लेता तनहाई मुझको साँझ ढले ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब - जब बजती दूर कहीं भी शहनाई है ,
तुम याद बहुत आती हो।
जब - जब मेरी आँखों में तिरते हैं सपने ,
तुम याद बहुत आती हो
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