रोटी पकाने के लिए ,
आग की जरूरत होती है ,
रोटी , वह चाहे पेट के लिए हो
या , राजनीतिक लिप्सा के लिए ,
या फिर ,
कुर्सी के लिए ही।
आग जलाने के लिए ,
समिधा की जरूरत होती है ,
समिधा चाहे " धर्म " की हो
अथवा , " जाति " की हो ,
या फिर ,
" आरक्षण " की ही
आग तो आग है ,
वह कभी फर्क नहीं करती ,
" अमीर " और " गरीब " की ,
" बच्चे " और " बूढ़े " की ,
" मर्द " और " औरत " की ,
" अभिजात " और " अनअभिजात " की ,
कोई भी जले ,
" युवा " जलें तो जलें ,
" प्रतिभा " जलती है तो जले ,
" देश " जलता है तो जले ,
रोटी अपनी सिंकनी चाहिए ।
कब छुटकारा पायेंगे हम
इस ओछी मानसिकता से ?
यह देश हमारा है ,
ये युवा हमारे हैं ,
ये " बच्चे " ये " बूढ़े "
ये हमारी " बहनें " और " माएं "
हमारी ताकत हैं ,
हमारी धरोहर हैं।
क्या हम इतने कमजोर हैं
कि ,
अपनी अमानत की ,
स्वयं , रक्षा नहीं कर सकते ?
या फिर , हम अविवेकी हैं ?
हमारी कमजोरियों और अविवेकीपन को
भाँप कर ही ,
शत्रु बलवान होते हैं ।
तो , आओ ,
हम अपने सीने में आग जलायें ,
और ,
अपने अन्दर और बाहर के
शत्रुओं का नाश करें ,
अपने मन की " सरहदों "को
अपने देश की " सरहदों " को
सुरक्षित करें ,
और ,
गर्व से कहें -
हम महान हैं ,
यह हमारा देश महान है ,
यह " भारत " है ,
आग की जरूरत होती है ,
रोटी , वह चाहे पेट के लिए हो
या , राजनीतिक लिप्सा के लिए ,
या फिर ,
कुर्सी के लिए ही।
आग जलाने के लिए ,
समिधा की जरूरत होती है ,
समिधा चाहे " धर्म " की हो
अथवा , " जाति " की हो ,
या फिर ,
" आरक्षण " की ही
आग तो आग है ,
वह कभी फर्क नहीं करती ,
" अमीर " और " गरीब " की ,
" बच्चे " और " बूढ़े " की ,
" मर्द " और " औरत " की ,
" अभिजात " और " अनअभिजात " की ,
कोई भी जले ,
" युवा " जलें तो जलें ,
" प्रतिभा " जलती है तो जले ,
" देश " जलता है तो जले ,
रोटी अपनी सिंकनी चाहिए ।
कब छुटकारा पायेंगे हम
इस ओछी मानसिकता से ?
यह देश हमारा है ,
ये युवा हमारे हैं ,
ये " बच्चे " ये " बूढ़े "
ये हमारी " बहनें " और " माएं "
हमारी ताकत हैं ,
हमारी धरोहर हैं।
क्या हम इतने कमजोर हैं
कि ,
अपनी अमानत की ,
स्वयं , रक्षा नहीं कर सकते ?
या फिर , हम अविवेकी हैं ?
हमारी कमजोरियों और अविवेकीपन को
भाँप कर ही ,
शत्रु बलवान होते हैं ।
तो , आओ ,
हम अपने सीने में आग जलायें ,
और ,
अपने अन्दर और बाहर के
शत्रुओं का नाश करें ,
अपने मन की " सरहदों "को
अपने देश की " सरहदों " को
सुरक्षित करें ,
और ,
गर्व से कहें -
हम महान हैं ,
यह हमारा देश महान है ,
यह " भारत " है ,
यह हमारा भारत है।
ब्लॉग तिथि - 04 - 02 - 2018
( नोट : - प्रकाशित )
( नोट : - प्रकाशित )
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