सरहद के पार देश के दुश्मन को जाता दो ,
जो देश के दुश्मन हैं , उन्हें आज बता दो ,
क्या होता है अंजाम समर का ये दिखा दो ,
नामो-निशान दुनिया से दुश्मन का मिटा दो।
इस देश के हर वासी को है नाज हिन्द पर ,
गद्दारे वतन जो भी हों सूली पर चढ़ा दो ,
हम एक हैं, हम एक हैं, हम एक-एक,एक रहेंगे ,
संदेश हमारा है ये , दुनियाँ को बता दो।
है नहीं पसंद गर , उनको अमन की बात ,
छोड़ो अमन की बात , अब रणभूमि सजा दो ,
चन्दन है माटी देश की , माथे पर लगा लो ,
आया है यह समय कि अब रणभेरी बजा दो।
जो देश के दुश्मन हैं , उन्हें आज बता दो ,
क्या होता है अंजाम समर का ये दिखा दो ,
नामो-निशान दुनिया से दुश्मन का मिटा दो।
इस देश के हर वासी को है नाज हिन्द पर ,
गद्दारे वतन जो भी हों सूली पर चढ़ा दो ,
हम एक हैं, हम एक हैं, हम एक-एक,एक रहेंगे ,
संदेश हमारा है ये , दुनियाँ को बता दो।
है नहीं पसंद गर , उनको अमन की बात ,
छोड़ो अमन की बात , अब रणभूमि सजा दो ,
चन्दन है माटी देश की , माथे पर लगा लो ,
आया है यह समय कि अब रणभेरी बजा दो।
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