Thursday, May 7, 2015

गरमी आई

गरमी आई , गरमी आई ,
कितनी सारी चीजें लाई।
आम और लीची है लाई ,
तरबूज व खरबूजे लाई ।
शरबत लाई , रसना लाई ,
हम सब मिल कर पीते भाई।

गरमी आई , गरमी  आई ,
ठंढी - ठंढी  चीजें   लाई।
आइसक्रीम  व कुल्फी लाई ,
बर्फ का गोला भी है भाई।
ठंढा - ठंढा दूध , मलाई ,
मन को बहुत ही भाता भाई।

गरमी आई , गरमी  आई ,
साथ में छुट्टियाँ भी है लाई।
दिन भर घर में मौज मनाते ,
माँ के काम में हाथ बँटाते।
रंग - बिरंगे  चित्र  बनाते ,
घर को भी हैं खूब सजाते।

गरमी  आई , गरमी  आई ,
बहुत सुहानी शाम है  लाई ।
सुबह-शाम हम सैर को जाते ,
दोनों टाइम खूब नहाते।
अब पानी से डर नहीं लगता ,
पानी हमको अच्छा लगता।

( मंजु  सिन्हा द्वारा रचित  )






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