गरमी आई , गरमी आई ,
कितनी सारी चीजें लाई।
आम और लीची है लाई ,
तरबूज व खरबूजे लाई ।
शरबत लाई , रसना लाई ,
हम सब मिल कर पीते भाई।
गरमी आई , गरमी आई ,
ठंढी - ठंढी चीजें लाई।
आइसक्रीम व कुल्फी लाई ,
बर्फ का गोला भी है भाई।
ठंढा - ठंढा दूध , मलाई ,
मन को बहुत ही भाता भाई।
गरमी आई , गरमी आई ,
साथ में छुट्टियाँ भी है लाई।
दिन भर घर में मौज मनाते ,
माँ के काम में हाथ बँटाते।
रंग - बिरंगे चित्र बनाते ,
घर को भी हैं खूब सजाते।
गरमी आई , गरमी आई ,
बहुत सुहानी शाम है लाई ।
सुबह-शाम हम सैर को जाते ,
दोनों टाइम खूब नहाते।
अब पानी से डर नहीं लगता ,
पानी हमको अच्छा लगता।
( मंजु सिन्हा द्वारा रचित )
कितनी सारी चीजें लाई।
आम और लीची है लाई ,
तरबूज व खरबूजे लाई ।
शरबत लाई , रसना लाई ,
हम सब मिल कर पीते भाई।
गरमी आई , गरमी आई ,
ठंढी - ठंढी चीजें लाई।
आइसक्रीम व कुल्फी लाई ,
बर्फ का गोला भी है भाई।
ठंढा - ठंढा दूध , मलाई ,
मन को बहुत ही भाता भाई।
गरमी आई , गरमी आई ,
साथ में छुट्टियाँ भी है लाई।
दिन भर घर में मौज मनाते ,
माँ के काम में हाथ बँटाते।
रंग - बिरंगे चित्र बनाते ,
घर को भी हैं खूब सजाते।
गरमी आई , गरमी आई ,
बहुत सुहानी शाम है लाई ।
सुबह-शाम हम सैर को जाते ,
दोनों टाइम खूब नहाते।
अब पानी से डर नहीं लगता ,
पानी हमको अच्छा लगता।
( मंजु सिन्हा द्वारा रचित )
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