Wednesday, September 10, 2014

सुगना बोलै …



सुगना बोलै दिन-रात हो रामा
सुगना बोलै  …
सोनमा के पिंजरा न सुगना के भावै ,
टक - टक, निहारै आकाश हो रामा ,
सुगना बोलै। ……
कहै महतारी , मोहे मन नहीं भावै ,
बाँधौ न सुगना के पिंजरे में रामा ,
सुगना बोलै.......
मचिया बइठल दादी कहै पूत सोनमा ,
केहू के न बंधन में बांधउ  हो रामा ,
सुगना बोलै ……।
हँसि - हँसि  कहै बहिना सुकुमारी ,
सुगना के करि देहु आजाद हो रामा ,
सुगना बोलै ………

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