पिचकारी में प्यार का , रंग भरो मेरे यार ,
दुश्मन भी गर राह मिले , करो रंग बौछार ।
क्यूँ जब आता फाग है , आता संग बहार ,
सरसों तीसी संग ही , सजे पलास के डार ।
मादक , मादक हवा चले , गाये साज बहार ,
चटक जातीं कलियाँ सभी , सुन कर अलि पुकार ।
राग - रंग , उल्लास , हर्ष का , है होली त्यौहार ,
वासंती की गंध से , बज उठते दिल के तार |
पकवानों और मिष्टानों से , भर जाता भण्डार ,
छोटे - बड़े , सभी का करना , आदर और सत्कार ।
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