चंद मुखड़े
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( 1 )
कौवा मोती खा ले तो क्या
काँव - काँव ही करेगा ,
हंस दाना - दुनका चुग ले तो क्या
हंस ही कहलायेगा ।
( 2 )
वक्त की बेड़ी
सभी के पैरों में पड़ी है ,
क्या राम , क्या रावण ,
क्या कृष्ण , क्या कंस ।
( 3 )
आदमी कोई बड़ा नहीं होता ,
बड़े होते हैं उसके , संस्कार ,
उसके उच्च विचार , जो ,
आदमी को बड़ा बनाता है
या , फिर , ओछा बनाता
( 4 )
देने वाला सदैव बड़ा और
महान होता है ,
ये चाँद , ये सूरज ,
यह आसमान , ये धरती ,
ये हवा और बादल ,
नदियाँ और जंगल ,
सभी देते हैं , नि:स्वार्थ ,
सभी महान हैं ।
आओ ,
इनकी महानता से
कुछ सीख लें , और
अपना जीवन सुधार लें ।
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( 1 )
कौवा मोती खा ले तो क्या
काँव - काँव ही करेगा ,
हंस दाना - दुनका चुग ले तो क्या
हंस ही कहलायेगा ।
( 2 )
वक्त की बेड़ी
सभी के पैरों में पड़ी है ,
क्या राम , क्या रावण ,
क्या कृष्ण , क्या कंस ।
( 3 )
आदमी कोई बड़ा नहीं होता ,
बड़े होते हैं उसके , संस्कार ,
उसके उच्च विचार , जो ,
आदमी को बड़ा बनाता है
या , फिर , ओछा बनाता
( 4 )
देने वाला सदैव बड़ा और
महान होता है ,
ये चाँद , ये सूरज ,
यह आसमान , ये धरती ,
ये हवा और बादल ,
नदियाँ और जंगल ,
सभी देते हैं , नि:स्वार्थ ,
सभी महान हैं ।
आओ ,
इनकी महानता से
कुछ सीख लें , और
अपना जीवन सुधार लें ।
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