1. जब भी मिला करो ,
मुस्कुरा कर मिला करो ,
न जाने कौन सा पल ,
जिंदगी का आखिरी पल हो।
2. वो बहुत मुस्कुराते हैं ,
ना जाने कौन सा दर्द छुपाते हैं !
3. अक्सर , वो बहुत उदास रहते हैं ,
ना जाने , किस गम में डूबे रहते हैं !
4. प्रेम में जीतना कैसा !
जीत तो वहाँ है ,
जहां प्रेम नहीं है ,
जहाँ प्रेम है ,
वहाँ , हारना ही जीत है।
5. बुढ़ापा , जीना सिखा देता है ,
क्योकि , वह सहना सीखा देता है ,
6. मौसम , खराब है , घर में बैठिये ,
आंधी के आसार हैं , छप्पर बचाइए।
आंधी भी फ़ना होगी , आफ़त भी छँटेगी ,
होगा साफ आसमां , धरती भी हँसेगी ,
हर कोर - कोर , पोर - पोर ,
दीवाली मनेगी।
--विजय
Monday, July 14, 2025
शब्दों के जंगल से
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