हर तरफ भय का माहौल है ,
हर आदमी अपने आप में सहमा है ,
पसरा है हर तरफ ख़ौफ़ का मंजर ,
कोरोना लेकर आया है एक नया मंजर ,
इसने लोगों को घरों में दुबकाया है ,
सबके नाक-मुँह पर पट्टी बंधवाया है ,
हमें एक दूजे से दूर कराया है ,
तिरोहित हो गई अधरों की मुस्कान ,
अब अधरों पर सन्नाटा छाया है।
एक नए युग की शुरुआत हो गई है ,
ऐसा लगता है , हम सब अब ,
तीसरे लोक के प्राणी हो गए हैं ,
लेकिन , सच तो यह है , कि
हम सब आदिकाल के
पूर्वजों के रूप में आ गए हैं।
हर आदमी अपने आप में सहमा है ,
पसरा है हर तरफ ख़ौफ़ का मंजर ,
कोरोना लेकर आया है एक नया मंजर ,
इसने लोगों को घरों में दुबकाया है ,
सबके नाक-मुँह पर पट्टी बंधवाया है ,
हमें एक दूजे से दूर कराया है ,
तिरोहित हो गई अधरों की मुस्कान ,
अब अधरों पर सन्नाटा छाया है।
एक नए युग की शुरुआत हो गई है ,
ऐसा लगता है , हम सब अब ,
तीसरे लोक के प्राणी हो गए हैं ,
लेकिन , सच तो यह है , कि
हम सब आदिकाल के
पूर्वजों के रूप में आ गए हैं।
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