Tuesday, February 13, 2018

आओ आज गले हम मिल लें

आओ आज गले हम मिल लें ,
कुछ तुम रो लो , कुछ हम रो लें ,
आँखों से आँसू छलका लें  ,
दिल के जख्मों को सहला लें ।

मौसम का है आना जाना ,
जीवन का भी आना जाना ,
भूली बिसरी यादों को हम ,
मिल बैठ कर फिर महका  लें।

कभी पतझड़ है , कभी वसंत है ,
जीवन भी तो इक वसंत है ,
इस वसंत को जी भर जी लें ,
तुम्हे हँसा लें , खुद भी हँस लें।

मानो तो मदिरा है जीवन ,
न मानो तो एक गरल है ,
मदिरा और गरल हम पी लें ,
आओ इस क्षण को हम जी लें।
आओ आज गले हम   .........

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