बाट ताकते दिन है बीता ,
करवट लेते , बीती रात ,
तेरे आने की चाहत में ,
मैं तो जागी सारी रात ।
सोचा था,तुम आ जाते , तो ,
तुमसे करती ढ़ेरों बात ,
सूरज को मैं , बाँध गाँठ में ,
नहीं बीतने देती रात ।
सूरज निकला , हुआ प्रभात ,
बीत गई यह काली रात ,
ढल कर ओस-कणों में आँसू ,
ढलक रहे , छू नीरज - गात ,
बाट ताकते दिन है बीता ,
करवट लेते बीती रात ।
करवट लेते , बीती रात ,
तेरे आने की चाहत में ,
मैं तो जागी सारी रात ।
सोचा था,तुम आ जाते , तो ,
तुमसे करती ढ़ेरों बात ,
सूरज को मैं , बाँध गाँठ में ,
नहीं बीतने देती रात ।
सूरज निकला , हुआ प्रभात ,
बीत गई यह काली रात ,
ढल कर ओस-कणों में आँसू ,
ढलक रहे , छू नीरज - गात ,
बाट ताकते दिन है बीता ,
करवट लेते बीती रात ।
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