मधुमाती , मदमस्त मधुमास की बयार
बहारों में थिरकती ,
लेकर गंध बौरों की ।
शाम की वेला , लिए एक रात प्यासी ,
मुग्ध मुस्काती , लिए पुनों की चन्दा को
क्षितिज के कोर पर ,
हरसिंगारी गंध अँकवार में छुपा ,
झूम रही , झूम रही , झूम रही
बयार ये मधुमास की ।
बहारों में थिरकती ,
लेकर गंध बौरों की ।
शाम की वेला , लिए एक रात प्यासी ,
मुग्ध मुस्काती , लिए पुनों की चन्दा को
क्षितिज के कोर पर ,
हरसिंगारी गंध अँकवार में छुपा ,
झूम रही , झूम रही , झूम रही
बयार ये मधुमास की ।
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